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ताज कारीडोर मामले में मायावती को ‘फिलहाल’ बड़ी राहत

महाश्वेता तिवारी, लखनऊ.

ताज कारीडोर
ताज कारीडोर के मामले में मायावती को मिली सुप्रीम कोर्ट की राहत के बाद आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मायावती के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए उन्हे एक और बड़ी राहत दी है। इस जनहित याचिका में मायावती और उनके सबसे ताकतवर मंत्री रहे नसीमुद्दीन के खिलाफ मामला फिर से शुरू करने की मांग की गई थी। लगभग 74 पेज के इस फैसले को देते हुए कोर्ट ने मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ दायर सभी जनहित याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

मायावती
 नसीमुद्दीन सिद्दीकीगौरतलब होगा कि, बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने उनके खिलाफ नौ साल पुराने आय से अधिक संपत्ति मामले को पहले ही खारिज कर दिया था। 2003 में ताज कारीडोर में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद सीबीआई जांच शुरू हुई, जिसके घेरे में मायावती और नसीमुद्दीन समेत कई आला अधिकारी आए। हालांकि, 2007 में तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर के अनुमति ना देने के कारण मायावती और नसीमुद्दीन के खिलाफ मामला बंद करना पड़ा। 2009 में 4 पीआईएल इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल करके केस को फिर शुरू कर मायावती और नसीमुद्दीन के खिलाफ मामला चलाने की बात कही गयी थी। इसी के बाद मायावती और नसीमुद्दीन को नोटिस भी दिया गया, तब से बहस होते-होते आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने सभी चारों याचिकाएं खारिज कर दी हैं। दूसरी ओर, याचिका दायर करने वाले सीबी पाण्डेय का कहना है कि, उनके पास अभी भी सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है।

फैसले का स्वागत किया मिश्रा ने

ताज कारीडोर
मायावती के खिलाफ दायर याचिका खारिज होने के बाद उन के वकील सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि, वह कोर्ट के फैसले का स्वागत करते है। पहले ही उन्हे इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी थी। मेरिट में इन मुकदमों को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मिश्रा ने यह भी कहा कि ताज कारीडोर मामले मे कोई भी गलती कोई निकाल नहीं पाया, यहाँ तक की सीबीआई भी नहीं।

भाजपा कांग्रेस ने कहा, सबक लें मायावती

ताज कारीडोर
ताज कारीडोरमायावती पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने भी दबी आवाज में कोर्ट के फैसले का खैरमकदम ही किया है। इसके साथ ही भविष्य में कोर्ट के चक्कर काटने से बचने के लिए सतर्कता बरतने की बिना मांगी सलाह भी दे डाली है। मायावती को मिली राहत पर भारतीय जनता पार्टी के नेता कलराज मिश्र का कहना है कि, उच्च नयायालय ने जो फैसला दिया है, वह विवेक पूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि, इस फैसले से मायावती को सबक लेना चाहिए, ताकि वह आगे ऐसी गलती न करे, जिसके कारण उन्हे इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पडे। इसी तर्ज पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिराज मेहंदी का कहना है कि, अगर मायावती जी को हाई कोर्ट से रहत मिल गई है तो अच्छी बात है, लेकिन इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता की उन के कार्यकाल में दोनों हाथों से जनता के पैसे का बेजा इस्तेमाल हुआ। उन के मंत्रियो ने जम कर लूट की, अब इस फैसले से एक बड़ा सबक लेना चाहिए मायावती को।

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