सिक्योरिटी गार्ड पर पुलिस की नकेल,
खर्राटे भरते मिलने पर जा सकते हैं जेल,
कैंसिल हो सकते है एजेंसियों के लाइसेंस
अभिषेक पांडे, मुंबई.
(लाइव इंडिया के वरिष्ठ संवाददाता)
मुंबई में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने एक नया फरमान सुनाया है। सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले सिक्योरिटी गार्ड को ड्यूटी के दौरान जागते रहना होगा, क्योंकि सोने वाले गार्ड को जेल भेजने के साथ ही सिक्योरिटी एजेंसी पर भी कार्रवाई होगी।
दरअसल, मुंबई पुलिस ने प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड को लेकर ड्राइव शुरु की है, जिसके तहत अब पुलिस वाले अब सोते सिक्योरिटी गार्ड पर कार्रवाई करेंगे। मुंबई में ढाई लाख से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड हैं, जोकि बिल्डिंगों, स्कूलों, शॉपिंग मॉल्स, अस्पतालों से लेकर वित्तीय संस्थानों तक में सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। इन गार्डों को मुहैया करवाने का काम निजी सुरक्षा एजेंसियां करती हैं। यह एजेंसियां, उत्तर भारतीय प्रांतों से आने वाले कम पढेÞ लिखे बेरोजगार नौजवानों को सुरक्षा गार्ड की नौकरी देती हैं। इसके लिए कोई टेÑनिंग या विशेष दक्षता की जरुरत नहीं होती है। एसे में गार्डों के होते हुए भी कई बड़ी वारदातें हो चुकी हैं। बहरहाल, अब देखना है कि पुलिस की ये नई मुहिम कितना रंग लाती है, साथ ही क्या सोसाइटी के भीतर चोरी से लेकर सीनियर सिटिजन के मर्डर पर पुलिस लगाम लगा पाएगी?
तो कैंसिल होंगे लाइसेंस
बिगडे हालात सुधारने के लिए मुंबई पुलिस ने सीधे कार्रवाई की तैयारी शुरु कर दी है। ड्यूटी के दौरान सोने या लापरवाही बरतने वाले सिक्योरिटी गार्ड पर मुंबई पुलिस कार्रवाई करेगी ही साथ ही उस कम्पनी के ऊपर भी कार्रवाई करेगी, जिसका वो सिक्योरिटी गार्ड है। पुलिस इसमें और सख्ती बरतते हुए उस कम्पनी के लाइसेंस सस्पेंड करने या कैंसल करने तक की सिफारिश कर सकती है।
सर्विस देने वालों ने किया विरोध
वहीं पुलिस के इस नए फरमान पर सिक्योरिटी सर्विस चलाने वालों ने विरोध जताया है। उनकी माने तो कई गार्ड ओवर टाइम से लेकर 24 घंटे तक की ड्यूटी करता है, जिसके कारण कई बार आंख लग जाती है। इसके अलावा सुपरवाइजर खुद निगरानी रखते हैं, एसे में गलती या लापरवाही गार्ड और सुपरवाइजर की है, जिसके लिए सर्विस प्रदाता कम्पनी के ऊपर कार्रवाई करने का पुलिस का तर्क समझ से बाहर हैं।
डबल ड्यूटी से होती है थकान
इस नई व्यवस्था को लेकर सुरक्षा मामलों के जानकार शमशेर सिंह का कहना है कि मार्केट में सिक्योरिटी गार्ड की कमी है। ऐसे में सुरक्षा प्रदाय करने वाली कम्पनियां बिना किसी ट्रेनिंग और टेस्ट के सिक्योरिटी गार्ड रखती हैं, साथ ही अधिकतर सिक्योरिटी गार्ड्स की सेलरी भी ज्यादा नहीं होती है। एसे में ओवर टाइम और डबल ड्युटी से एक गार्ड को ज्यादा पैसे मिल जाते हैं। इसी लालच के चलते अधिकतर गार्ड डबल ड्यूटी करते हैं, जिसके चलते थकान हावी होती जाती है और ड्यूटी के दौरान सोते हुए मिलते हैं।
फरमाते हैं जिम्मेदार
सुरक्षा का जिम्मा संभालने वालों को जागरुक और चौकस होना चाहिए, इसीलिए प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसियों को अलर्ट किया गया है कि, उनके गार्ड को चाक चौबंद रखें। ड्यूटी के दौरान सोते हुए पकडेÞ जाने पर लापरवाही का दोषी ठहराया जाकर कार्रवाई की जाएगी।
धनन्जय कुलकर्णी, डिप्टी कमिश्नर आॅफ पुलिस, मुंबई
पहरेदार हो तो जागते रहो, नहीं तो जाओगे जेल
नवंबर 02, 2012
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