आमिर खान, सीहोर.
सीहोर जिले में इस साल जिले के 73 गांवों के हजारों लोगों को दीपक की रोशनी मे ही दिवाली मनाना पड़ेगी। उनकी जिंदगी में भले ही यह दीये रोशनी भर दें, लेकिन घरों को रौशन करने के लिए उन्हें दीपावली से पूर्व बिजली नहीं मिल सकेगी। जिले के बिजली महकमें ने जिले के 73 गांवों की बिजली काट रखी है।
यह बिजली तभी जोड़ी जाएगी जब इन गांवों का कम से कम पचास फीसदी बिजली बिल जमा करा दिया जाएगा। इधर जिले भर पर भी बिजली कंपनी का कर्जा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले वर्ष जो बकाया राशि 49 करोड़ रूपए थी वह अक्टूबर में बढ़कर 56 करोड़ से ऊपर पहुंच गई।
जिले की आठ तहसीलों के अंतर्गत 73 गांवों की बिजली, बिल बकाया होने व ट्रांसफार्मर खराब होने सहित अन्य दूसरे कारणों से बंद है। विभाग के सूत्रों की मानें तो इन गांवों की रिकवरी की स्थिति अत्यंत खराब होने के कारण इनकी बिजली काटी गई है। ऎसे दर्जन भर से अधिक गांव सीहोर तहसील मेे, 18 गांव आष्टा तहसील में, 13 गांव इछावर में, 7 गांव बुदनी में, 6 जावर में व करीब दर्जनभर नसरूल्लागंज में बताए जा रहे हैं। इधर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से बिजली विभाग को 25 करोड़ 59 लाख रूपए बकाया वसूलना हैं।
सालभर में सात करोड़ बढा कर्जा
मात्र एक साल में बिजली कंपनी का जिले पर कर्जा सात करोड़ रूपए तक बढ़ गया। अलग-अलग प्रकार के कनेक्शनों का मार्च 2011 में जिले पर 49 करोड़ 47 लाख रूपए बकाया बताए गए थे, जो अक्टूबर 2012 में बढ़कर 56 करोड़ 70 लाख रूपए से अधिक हो गया। इस दौरान शहरी उपभोक्ताओं से बीस करोड़ रूपए वसूलना बाकी था तो ग्रामीण उपभोक्ताओं पर यह कर्जा 25 करोड़ 81 लाख रूपए हो गया था।
बिजली नहीं काटी जाती, बस राशि जमा करने की शर्त रखते हैं
रिकवरी का औसत गत वर्षो की अपेक्षा काफी बढ़ा है। बकाया राशि में बड़ा हिस्सा बड़ा हिस्सा मोटर पंप और बीपीएल कनेक्शनों का है, इसके साथ कुछ पुराना एरियर्स भी जुड़ा हुआ है। गांवों की कंपनी द्वारा नहीं काटी जाती है, केवल ट्रांसफार्मर रखते समय 25 फीसदी राशि जमा कराने की शर्त रखी जाती है, जहां भी ऎसी स्थिति बनती है वहां किसान मित्र योजना सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से राहत देने के प्रयास भी होते हैं।
आरके सिंह, एसई, मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी, सीहोर
दीपक की रोशनी मे 73 गांव
नवंबर 06, 2012
0
Tags