महाश्वेता तिवारी, लखनऊ
जिस देश में महमान को भगवान् जैसा दर्ज़ा दिया जाता हो। जहाँ भगवान् के भोग से पहले महमान को खाना खिलाया जाता हो।एक मेहमान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी नहीं चुकते हमारे देश के लोग। ऐसे ही देश में विदेशी पक्षी महमानों की सुरक्षा को ले कर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद सतर्क हो गई है। 2013 मे संगम नगरी इलाहाबाद मे विश्व के सब से बडे धार्मिक आयोजन हर साल की तरह इस साल लाखो विदेशी परिंदे सरहद पार कर पहुचे गे उन्हे किसी तरह की कोई न हो उन की सुरक्षा मे कोई कमी न आये इस को ले कर उत्तर प्रदेश सरकार नें 10 करोड़ स्वीकृत किये है।
पिछले कुछ सालो में उत्तर प्रदेश विदेशी पक्षिओ की आराम गृह बन चूका है। हर साल हर साल लाखो साइबेरियन पक्षी इलाहाबाद के संगम तट से ले कर प्रदेश के अलग अलग हिस्से में आते आते है कुछ महीने रहते है और फिर वापस अपने देश चले जाते है। लेकिन पिछले कुछ सालो मे कई ऐसी शिकायत आई है की लोग इन के अवैध शिकार कर रहे है। इन शिकायतों को उत्तर प्रदेश सरकार ने बेहद गंभीरता से लेते हुए इन की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फंड रिलीज़ किया है। सरकार 10 करोड़ खर्च कर एक इन पक्षिओ को बचाने का एक बड़ा पाईलेट प्रोजेक्ट तैयार किया है। संगम पर लगने जा रहे महाकुम्भ से पहले इस प्रोजेक्ट को इम्लिमेंट कर दिया जाए गा।
10 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में पक्षिओ की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा। उन को कोई नुक्सान न पंहुचा पाए इस को ले कर जिन जगहों पर वह ज्यादा संख्या में आते है। उन जगहों पर एक सुरक्षा कर्मचारी तैनात किया जाएगा जो इन सभी पक्षिओ पर नज़र रखेगा और लोगो को इन पक्षिओ के बारे मे बतायेगा साथ ही अगर कोई इन का शिकार केरेगा तो उस पर कारवाही भी करेंगे। साथ ही इन पैसो से सरकार एक सुरक्षित छेत्र भी विकसित करने वाली है। जहा यह परिंदे बिना रोक टोक घूम सकेंगे।
हर साल की तरह मौषम बदलते ही इस साल भी विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। यही कारण है की सरकार विदेसी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर भी काफी सतर्क नज़र आ रही है । रूस ,यूरोप ,नेपाल से यह विदेशी पक्षी हमारे देश मे आते है। सीमा से लगे उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का संगम तात हो ,या वाराणसी के घाट या बलरामपुर जिले की गोद में समाया संरक्षित वन्य क्षेत्र सोहेलवा का पक्षी विहार इन दिनों विदेशों से आए मनमोहक, रंगबिरंगे, सुनहरे मेहमान पक्षियों के सुरीले कलरव से गूंजना शुरू हो गया है। नेपाल व आसपास के क्षेत्रों से आने वाले पक्षी प्रेमी पर्यटकों की आमद बढने लगी है।यही कारन सरकार जल्द से जल्द अपने इस प्रोजेक्ट को लागू कर ऐना चहाती है।
जंतु उद्यान राज्य मंत्री शिव प्रताप यादव ने बताया की सरकार ने 10 करोड़ रुपये पक्षियों की सुरक्षा पर खर्च किये जाने के लिए आवंटित किया है इसके लिए पुरे प्रदेश में जहाँ भी पक्षियों का विदेश से आगमन होता है वहां व्यवस्था की जाएगी इसके लिए 7 नवम्बर को प्रदेश स्तर के अधिकारीयों की बैठक बुलाई है और पक्षी विहार में चौकसी के निर्देश दिए हैं । ठण्ड का मौसम की शुरुआत होते ही नवम्बर माह के पहले सप्ताह में अफगानिस्तान, साइबेरिया, यूरोपीय और एशियाई देशों से अधिक मात्रा में विदेशी मेहमान पक्षी अनेकों समूह बनाकर भोज्य पदार्थ की खोज में यहां आते हैं। लेकिन इस बार विदेशी मेहमान दस दिन पहले आ गए हैं क्योंकि ठंड का आगमन पहले ही हो गया है।