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हाईकोर्ट की भी नहीं मान रहे रजिस्ट्रार

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के चुनाव में गड़बड़ी के खिलाफ 19 अक्टूबर को प्रदर्शन

ब्यूरो, भोपाल


हाईकोर्ट के आदेश के बाद हो रहे मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के संगठनात्मक चुनाव में निर्वाचन अधिकारी साजिशन गड़बड़ी कर रहे हैं। इसके विरोध में 19 अक्टूबर को दर्जनभर कर्मचारी संगठन सड़क पर उतरेंगे।


यह कहना है मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के एक धडे की अगुवाई कर रहे एलएन कैलाशिया की, जोकि रविवार को मीडिया से मुखातिब थे। इस मौके पर मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और निगम मंडल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव भी थे। कैलाशिया ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश दिनांक 5 जुलाई,12 के पालन में असिस्टेंट रजिस्ट्रार, फर्म्स एवं संस्थाएं ने 27 जुलाई को निरीक्षक संजय चिवंडे को निर्वाचन अधिकारी बनाया है। इसके बाद चिवंडे ने अगले ही दिन एलएन कैलाशिया और अरुण द्विवेदी को नोटिस जारी करके 4 अगस्त तक सदस्यता सूची जमा करने के निर्देश दिए। इस पर कैलाशिया ने 746 सदस्यों की सूची सौंपी, जिसके नतीजे में सदस्यता राशि एक लाख रुपए जमा करने के निर्देश दिए गए। इस पर कैलाशिया ने 28 अगस्त तक 50 हजार रुपए जमा करवा दिए। इसके बारे में हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार की ओर से पेश किए गए हलफनामे में भी उल्लेख है। इसके बाद भी निर्वाचन अधिकारी चिवंडे ने मनमानी करते हुए 20 सितबंर को कैलाशिया की सदस्यता सूची को निरस्त कर दिया। इसके बाद सिर्फ अरुण द्विवेदी की 172 सदस्यों वाली सूची के आधार पर निर्वाचन कराने की तैयारी शुरु कर दी है। इससे साफ होता है कि हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके विरोध में 19 अक्टूबर को मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा।


निर्वाचन की आड़ में साजिश
मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक और निगम मंडल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि निर्वाचन की आड़ में कर्मचारी बहुमत को कुचलने की कोशिश की जा रही है। पहले तो कैलाशिया से सदस्यता सूची और राशि जमा करवा ली गई और फिर अनर्गल आधार पर सदस्यता सूची को अमान्य कर दिया गया। अगर कैलाशिया की सूची अवैध थी सदस्यता राशि क्यों जमा करवाई गई। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी संघ पर कब्जे को लेकर लड़ाई में सत्यनारायण तिवारी ने बहुमत के आधार पर जीत हासिल की थी और सरकार पोषित गुट का अस्तित्व ही खत्म हो गया था।

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