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पर्यावरण व आपदा प्रबंधन शिक्षा में फर्जीवाड़ा

छात्र - छात्राओं के साथ शिक्षक कर रहे धोखाधड़ी
विभाग प्रबंधन एवं विद्यालय के प्राचार्य जिम्मेदार


पन्ना


प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों की छात्रों को अच्छी शिक्षा की सकारात्मक भले ही क्यों न हो लेकिन व सकारात्मक सोच छात्र तक आते - आते नकारात्मक रूप ले लेती है. पन्ना जिले में पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन की शिक्षा को केवल कागज में संचालित कर फर्जी परीक्षाएं करा ली जाती हैं जबकि कक्षा नौ से बारह के बीच चलने वाले प्रत्येक विषयों में सबसे महत्वपूर्ण विषय है. इस विषय को हर विद्यालय में अन्य विषयों की भांति चलाना जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
उल्लेखनीय है कि माध्यमिक शिक्षा मण्डल मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा गत वर्ष 2009 में समस्त शासकीय एवं अशासकीय प्राचार्यों को पर्यावरण शिक्षा एवं आपदा प्रबंधन विषय की परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में निर्देश दिए गए थे. उन दिशा निर्देशों का पन्ना जिले के निष्क्रिय शिक्षा विभाग पर कोई असर नहीं पड़ा है. इस विषय को कक्षा 9 से 12 तक अन्य विषयों की भांति संचालित करना है. मालुम हो कि पन्ना जिले में छात्र - छात्राओं को पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन पर कुशल बनाने के लिए ईश्वर ने भी प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध कराए हैं और शासन ने भी आदेश भेजा है एवं जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण शिक्षा एवं आपदा प्रबंधन विषय से जुड़े पन्ना पैशन कैम्प का गत दो वर्षों से आयोजन किया जा रहा है. उन कैम्पों में होने वाली गतिविधियों से छात्र - छात्राओं में परिपक्वता, कुशलता व व्यक्तित्व का विकास होता है. मालुम हो कि पर्यावरण प्रदूषण को लेकर देश ही नहीं अपितु पूरा भारत चिंतित है कि पर्यावरण को कैसे स्वच्छ बनाया जाय और विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों को कैसे रोका जाय.
इस विषय में पूरी दुनिया का चिंतन जारी है. छात्रों के पूरे जीवन में हर क्षण काम आने वाले विषय को शिक्षक एवं प्राचार्य केवल कागजों में गत तीन वर्षोँ से संचालित कर रहे हैं. इस विषय में प्रत्येक छात्र को पचास अंकों की लिखित परीक्षा देनी है और 50 अंकों का प्रोजेक्ट तैयार करना है. इन दोनों परीक्षाओं में पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन की शिक्षा केन्द्रित सवाल होंगे. ऐसी दुर्दशा को समाज में बताना भी शिक्षा विभाग के लिए शर्मनाक होगी कि छात्रों को विषय के बारे में जानकारी भी नहीं लेकिन उस विषय में माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड द्वारा ए ग्रेड एवं ए प्लस ग्रेड दिया जाता है. इस विषय के निर्देश का पालन नहीं होने पर आखिर किसे जिम्मेदार समझा जाय, यह तो विचारणीय सवाल है. इस विषय को समस्त विद्यालयों में संचालित कराने एवं एवं शैक्षणिक गतिविधियों को सुधारने की पन्ना कलेक्टर से बहुत सारी अपेक्षाएं हैं लेकिन अपेक्षाएं कब पूरी होगी केवल इसका इंतजार है. पन्ना जिले के मुखिया की शिक्षा को लेकर सकारात्मक सोच का जिला सम्मान तो करता है लेकिन जब शिक्षा में कुछ प्रतिशत दिखे तब तो सफल माना जाय.


न प्रश्र पत्र, न परीक्षा, ग्रेड ए प्लस
पर्यावरण शिक्षा व आपदा प्रबंधन विषय के विद्यालयों में न तो प्रश्र पत्र बनाए जाते हैं और न ही छात्र इस विषय की परीक्षा देते हैं. इसके बावजूद विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा बोर्ड की ओएमआर उत्तर सीट अंकों के आधार ग्रेड लिखकर बोर्ड को फर्जी तरीके से भेज दिया जाता है. यह सबसे बड़ा प्रमाण है कि हर छात्र को पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन विषय में ए ग्रेड एवं ए प्लस ग्रेड दिया जाता है. 


छात्रों की विचार शक्ति का होगा विकास
पर्यावरण एवं आपदा प्रबंधन विषय पर दिये गये निर्धारित विषयों पर प्रोजेक्ट कार्य तैयार करने से छात्रों की पर्यावरण के बारे में सकारात्मक सोचने एवं विचार करने की शक्ति का विकास होगा. प्रोजेक्ट कार्य के लिए निर्धारित विषयों में पर्यावरण में संतुलन बनाने के उपाय, प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग रोकना, प्लास्टिक का विनिष्टीकरण करना, पर्यावरणीय धरोहर के प्रति गौरव होना जैसे विषय शामिल हैं. 


यह विषय बहुत अच्छा है और इस विषय को विभाग के दिशा निर्देशों के मुताबिक संचालित किया जावेगा. इस संबंध में डीईओ से विस्तृत जानकारी लेकर कार्यवाही की जावेगी. लापरवाही करने वालों पर कार्यवाही होगी. 

-धनंजय ङ्क्षसह भदौरिया, कलेक्टर

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