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कपिलधारा कूपों के नाम पर सिर्फ खुदे गढ्ढे


ग्राम पंचायत झांझर में हुआ जमकर भृष्टाचार
चार साल से अधूरे पड़े कूप निर्माण कार्य

अरुण सिंह, पन्ना

शासन की जनकल्याणकारी व विकास योजनाओं का पन्ना जिले के ग्रामीण अंचलों में किस तरह से माखौल उड़ाया गया है. उसकी बानगी पवई जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत झांझर में देखने को मिलती है. इस ग्राम पंचायत में कपिलधारा कूपों के नाम पर सिर्फ कुछ फिट गहरे गढ्ढे खुदवाये गये हैं. पिछले चार सालों से कूपों के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है. फिर भी कूप निर्माण के नाम पर लाखों रू. खर्च कर दिए गये हैं. इस तरह का फर्जीवाड़ा शासन की अन्य दूसरी योजनाओं में भी यहां नजर आता है.

 ग्राम झांझर में अधूरे पड़े मनरेगा के कपिलधारा कुओं में भरे पानी का दृश्य
 उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय पन्ना से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पवई जनपद अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत झांझर का भ्रमण कर गत् दिवस सोशल वॉच गु्रप ने वहां शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविकता तथा विकास कार्यों की गुणवत्ता और उनके प्रभाव का आंकलन किया। इस दौरान केन्द्र सरकार की रोजगारमूलक महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना में व्यापक पैमाने पर अनिमित्तायें सामने आईं हैं। पंचायत में सरपंच - सचिव द्वारा मनरेगा के प्रावधानों का माखौल उड़ाते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया गया। पंचायत में हुये कपिलधारा कूप निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति और उनकी एमआईएस फीडिंग चींख -चींखकर भ्रष्टाचार की कहानी बयां कर रही है। इस फर्जीवाड़े में जितने दोषी सरपंच-सचिव है उतने ही दोषी निर्माण कार्य पर नजर रखने वाले उपयंत्री, सहायक यंत्री और मानीटरिंग अधिकारी यानि जनपद के सीईओ भी हैं। जिनकी सरपरस्ती के बगैर आधे - अधूरे कपिलधारा कूपों के नाम पर लाखों का वारा-न्यारा होना संभव नहीं हैं। स्वयंसेवी संस्था समर्थन द्वारा गठित सोशल वॉच गु्रप ने झांझर भ्रमण के दौरान कपिलधारा कूपों की जो स्थिति देखी वह हैरान करने वाली है। विगत् चार वर्षों से कपिलधारा कूपों का निर्माण मात्र गढ्डों की खुदाई तक सीमित है और अब तक किसी भी अधिकारी ने कार्यवाही की चेष्टा तक नहीं की। ग्राम पंचायत झांझर के मामले में मनरेगा का मॉनीटिरिंग सिस्टम या तो फेल रहा या फिर कपिलधारा कूप से निकली भ्रष्टाचार की गंगा में मॉनीटिरिंग अधिकारियों ने भी डुबकी लगाई है। यहां कपिलधारा कूपों में हुये फर्जीवाडे को उजागर करते तथ्य निम्नानुसार हैं.

केस नं 1- कपिलधारा कूप हितग्राही मंगल सिंह तनय लोटन सिंह गौड़ निवासी ग्राम देवरी ग्राम पंचायत झांझर के खेत में वर्ष 2007-08 में कूप निर्माण कार्य के नाम पर बमुश्किल 10 से 15 फिट गहरा गढ्डा खोदा गया। लगभग साढ़े चार वर्ष का लंबा अर्सा गुजरने के बाद भी आज तक निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। कूप की बंधाई न होने से साल-दर-साल मिट्टी धंसकने से गढ्डे की गहराई कम हो रही है। मंगल सिंह के कूप निर्माण की राशि से सरपंच - सचिव ने अपने आर्थिक स्वार्थ सिद्ध करने के लिए निर्माण कार्य की एमआईएस डाटा की जो फीडिंग कराई है वो निर्माण कार्य की वास्तविकता से कोसों दूर है। दिनांक 14 अक्टूबर 2012 की स्थिति में रोजगार गारण्टी की बेवासाइट पर इस कूप के निर्माण में मजदूरी के नाम पर महज 1751 रूपये का व्यय दर्शाया गया है। जबकि सामग्री के नाम पर 59508 रूपये का खर्च दर्ज है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब कूप की बंधाई हुई नही ंतो फिर सामग्री पर व्यय कैसे हुआ। कथित तौर पर खरीदी गई सामग्री कहंा है और आज तक वह कूप में क्यों नहीं लगाई यह जांच का विषय है।

 ग्राम झांझर में अधूरे पड़े मनरेगा के कपिलधारा कुओं में भरे पानी का दृश्य
 केस नं 2- कपिलधारा कूप हितग्राही नत्थू यादव पिता गयादीन यादव के खेत में खोदे गये कुयें की कहानी भी मंगल के कुयें जैसी है। नत्थू के खेत में खोदे गये गढ्डे की गहराई की बात करें तो वह अधिकतम 15 फिट होगी। हितग्राही के अनुसार वर्ष 2007-08 में स्वीकृत उसके कपिलधारा कूप की न तो गहराई बढ़ायेगी और न ही आज तक बंधाई का कार्य कराया गया। निर्माण कार्य पूर्ण कराने हितग्राही ने सरपंच-सचिव से कई बार आग्रह किया किंतु आकण्ठ भ्रष्टाचार में डूबे पंचायत के नुमांईदों के कानों में जूं तक नहीं रेंगीं। इस कूप की एमआईएस डाटा फीडिंग के आंकड़ों पर गौंर करें तो मजदूरी पर 6762 रूपये तथा सामग्री पर 106666 रूपये का व्यय दर्शाया गया है। सामग्री के नाम पर कागजों में व्यय की गई राशि की हकीकत यह है कि मौके पर लगभग एक ट्राली पत्थर पड़ें हैं। यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि पठारी ग्राम झांझर में फर्शी पत्थर खदानें संचालित हैं। जुड़ाई के लिए जो पत्थर नत्थू के कूप में पड़ा है वह पत्थर खदान ठेकेदारों के लिए आर्थिक दृष्टि से किसी काम का नहीं होता इसीलिए पत्थर खदान ठेकेदार सहर्ष बोल्डरनुमा पत्थर को मुफ्त में दे देते हैं।

केस नं 3- ग्राम पंचायत झांझर निवासी सुदर्शन सिंह तनय गोरेलाल गौड़ के कपिलधारा कूप में भ्रष्टाचार पहले दो कूपों से कहीं अधिक है। इस कूप की गहराई भी बमुश्किल 15 फिट है। कूप की खुदाई के नाम पर मजदूरी में 7773 और सामग्री पर 204233 रूपये का व्यय दर्शाया गया है। कुल मिलाकर इस कूप पर 250103 रूपये अब तक खर्च हो चुके हैं, इतनी बड़ी राशि व्यय होने के बाद भी कूप निर्माण का अधूरा होना जांच का विषय है। इस कूप में 40 हजार रूपये बोल्डर-पत्थर और 2 सौ बोरी सीमेण्ट उपयोग होने के बिल-बाउचर वर्ष 2009 में चार्ज हो चुके हैं। मौके पर कूप को देंखे तो आज भी निर्माण कार्य गढ्डे की खुदाई तक सीमित है। हितग्राही सुदर्शन गौड़ ने बताया कि इस वर्ष माह जून में 10 दिन तक उसके कूप में काम चला था जिसकी मजदूरी का आज तक भुगतान नहीं किया गया.

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