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जानलेवा बनता जा रहा है मोटापा

एसोसिएशन आफ फिजिशियंस आफ इंडिया का 20 वां सम्मेलन
असंक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए है जागरुकता की जरुरत


भोपाल.

एसोसिएशन आफ फिजिशियंस आफ इंडिया का 20 वां सम्मेलन
मौजूदा समय में असंक्रामक रोगों का बोलबाला है। मोटापा बढ़ने के नतीजे में हृदय रोग और मधुमेह तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसे में नियमित और संतुलित दिनचर्या अपनाकर ही निरोगी रहा जा सकता है, लेकिन जानकारी के अभाव में असंक्रामक रोग बढ़ते जा रहे हैं।
यह कहना है हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. पीसी मनोरिया का, जो कि रविवार को एसोसिएशन आफ फिजिशियंस आफ इंडिया के 20 वें सम्मेलन की शुरुआत में संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन का शुभारंभ महापौर कृष्णा गौर ने दीप प्रज्जवलन करके किया। इस मौके पर पद्मश्री डॉ. एचएस रिसम, नई दिल्ली, डॉ. सरला मेनन, डॉ. आरके श्रीवास्तव, डॉ. अशोक तिवारी और डॉ. एसके पाराशर ने शरीर में सोडियम की महत्ता, ईको कार्डियोग्राफी, लकुआ में शल्य क्रिया की उपयोगिता, पेट में पानी जमा होना, आंतो से रक्तस्त्राव, हाई ब्लड प्रेशर आदि पर विचार रखे। डॉ. मनोरिया ने कहा कि तनावमुक्त जीवन और नियमित व्यायाम से कई रोगों से बचा जा सकता है। जंक फूड के साथ ही अत्यधिक नमक एवं शकर का इस्तेमाल भी नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने चेताया कि अगर समय रहते रोकथाम नहीं की गई तो यह बीमारियां बेकाबू हो जाएंगी।

सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए महापौर ने कहा कि मधुमेह और हृदयाघात आज घर घर की समस्या बन गए हैं। अनियमित जीवनशैली और तनाव के चलते बहुत कम उम्र में ही शहरी लोग रोगों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में संयमित जीवनचर्या बेहद जरुरी है। सम्मेलन में विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना था कि जनता को जागरुक करने के लिए शिविर लगाने के साथ ही शिक्षा में सकारात्मक बदलाव जरुरी है। जागरुकता आने से अधिकांश लोग रोगों से बच सकेंगे। इस मौके पर डॉ. पंकज मनोरिया ने प्रायमरी एंजियोप्लास्टी के फायदों के बारे में बताया और कहा कि यह हृदय रोग का यह सर्वश्रेष्ठ इलाज है। अगर इस प्रक्रिया को पहले दो घंटे में पूरा कर दिया जाता है तो निष्क्रिय होती मांसपेशियों को बचाया जा सकता है और हृदय सामान्य तौर पर काम करने लगता है।

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