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शेरपुर के इंजिन दौडेगे देश की रेल पटरियों पर

200 करोड़ रुपए के रेल इंजिन कारखाने की आधारशिला रखी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने
देश के पहले निजी क्षेत्र के रेल इंजिन कारखाने में दौलतराम इंडस्ट्री व अमेरिकी कंपनी साझीदार




एलआर सिसौदिया, सीहोर/भोपाल.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी के समीप सीहोर जिले के शेरपुर में 300 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले निजी क्षेत्र के पहले रेल इंजिन बनाने वाले कारखाने की आधारशिला रखी। इस मौके पर उद्योग मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय, राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री करणसिंह वर्मा, मुख्य सचिव आर. परशुराम, आयुक्त भोपाल संभाग प्रवीण गर्ग, जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह चौहान, विधायक आष्टा रंजीतसिंह गुणवान, नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाडा, मैनेजिंग डायरेक्टर दौलतराम इंडस्ट्रीज सी.पी. शर्मा और चेयरमेन एन.आर.ई.सी. यूएसए स्टीवन लारेन बील सहित बडी संख्या में जन समुदाय मौजूद था। 

रेल इंजिन बनाने वाले कारखाने की आधारशिलासमारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेश की हर उन संभावनाओं को तलाशा जा रहा है जिससे प्रदेश के विकास को गति मिले तथा रोजगार के अधिकाधिक अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि सरकार की इसी सोच तथा प्रयासों के चलते मध्यप्रदेश ने आर्थिक और सामाजिक विकास में नये आयाम स्थापित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मध्यप्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने का जो सपना देखा था वह अब सजीवता के काफी नजदीक पहुंचा है और इसके पीछे साफ सुथरी नियत, पारदर्शी नीतियां और बुनियादी ढांचे के विकास की ओर ईमानदारी से किए जा रहे प्रयासों ने अह्म भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले चार - पांच सालों के दौरान प्रदेश का आर्थिक विकास एक बदले हुए रूप में सामने आएगा। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों से मध्यप्रदेश ने देश - विदेश के निवेशकों को काफी लुभाया है जिसके पीछे प्रदेश की भौगोलिक स्थिति तथा खासकर एक स्थाई संवेदनशील और जनहितैषी सरकार मुख्य आधार रही है। मुख्य मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कैबिनेट द्वारा मध्यप्रदेश को नये औद्योगिक क्षेत्रों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही ग्यारह मौजूदा औद्योगिक क्षेत्रों का स्तर सुधारने के लिए भी राशि मंजूर की गई है। उन्होंने कहा कि जी.आई.एस. के जरिये आने वाले सालों के दौरान गैर पारंपारिक तथा रोजगार देने वाले क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि इन सभी में रोजगार के बेहतर अवसर सृजित किए जांय। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में निजी क्षेत्र के इस पहले रेल इंजिन निर्माण के कारखाने के सफल होने की कामना करते हुए कहा कि यह प्रदेश के विकास को नई पहचान देने में कामयाब होगा और क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 
          इस अवसर पर उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया गया है इस बात को उद्योग जगत ने माना भी है। उन्होंने सीहोर जिले में मौजूद औद्योगिक संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि देश का पहला निजी क्षेत्र का रेल डीजल इंजिन निर्माण कारखाना सीहोर में शुरू हो रहा है। भविष्य में अन्य अनेक कारखाने भी इस क्षेत्र में आएंगे।               राजस्व एवं पुनर्वास मंत्री करणसिंह वर्मा ने कहा कि इछावर विधानसभा क्षेत्र को पिछले वर्षों के दौरान अनेकों सौगातें मिली है। इसी कड़ी में यह कारखाना एक बड़ी सौगात है जो 18 सौ व्यक्तियों को सीधे रोजगार देने के साथ दस हजार से अधिक परिवारों को रोजी रोटी से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के उद्योगपति सीहोर में धन लगा रहे है यह बात बताती है कि प्रदेश में उद्योगों के लिए सकारात्मक माहौल है। उन्होंने इछावर क्षेत्र में सड़कों, ट्रांसफार्मरों, तालाबों के निर्माणों का जिक्र करते हुए कहा कि अब हालात बहुत बदल गए हैं। उन्होंने इछावर क्षेत्र में वीरपुर और एक अन्य स्थान पर हायर सेकेण्डरी स्कूल खोलने तथा दो ग्रामों में डीसी लगाने तथा चार तालाबों के निर्माण के लिए स्वीकृति देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। कार्यक्रम के शुरूआत में दौलतराम इंडस्ट्रीज के मैनेजिंग डायरेक्टर सी.पी.शर्मा और चेयरमेन एन.आर.ई.सी. यू.एस.ए. स्टीवन लारेन बील ने डीजल इंजिन कारखाना की विस्तृत जानकारी दी। 

1800 युवाओं को मिलेगा रोजगार

800 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध
गौरतलब है कि सीहोर जिले के शेरपुर में मेसर्स दौलतराम एनआरईसी लोकोमोटिव्स प्राइवेट लिमिटेड दौलतराम इंजीनियरिंग एवं यू.एस.ए. की कंपनी मेसर्स एन.आर.ई.सी. लोको का ज्वाइंट वेन्चर है। कंपनी द्वारा जिला सीहोर के शेरपुर में ""डीजल एण्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव्स वं पार्टस मेन्यूफक्चरिंग"" उत्पाद हेतु 23 अक्टूबर,2010 को खजुराहो समिट-2 में एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किया गया था। इकाई की परियोजना लागत रूपये 210 करोड प्रस्तावित है जिसमें से 151.45 करोड स्थाई पूंजी निवेश एवं 58.55 करोड कार्यशील पूंजी प्रस्तावित है तथा जिसमें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1800 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। इकाई को ग्राम शेरपुर जिला सीहोर में 10.135 हेक्टर (25.49 एकड) शासकीय भूमि 23 मई,2012 को 30 वर्ष की लीज पर आवंटित की गई है जिसमें से उद्योग संबर्धन नीति 2010 के तहत दो वर्ष में प्रस्तावित स्थाई पूंजी निवेश 151.45 करोड किया जाने की शर्त पर 15 एकड भूमि निर्धारित प्रीमियम दर के 25 प्रतिशत की दर पर आवंटित की गई है। भारत में अभी डीजल लोकोमोटिव्स इंजनों का निर्माण चितरंजन एवं वाराणसी में सरकारी उपक्रमों (कारखानों) में होता है। प्रायवेट सेक्टर में सीहोर जिले में प्रस्तावित उद्योग भारत वर्ष में प्रथम है। उक्त प्रस्तावित उद्योग में अमेरिका से नवीन टेक्नालाजी के आधार पर डीजल लोकोमोटव इंजनों का निर्माण किया जावेगा। निर्मित इंजनों में 40 प्रतिशत तक डीजल की खपत कम होगी तथा कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। इस प्रस्तावित उद्योग की स्थापना उपरांत भारतवर्ष के नक्शे में सीहोर जिले का नाम डीजल एण्ड इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव इंजन निर्माण की श्रृंखला में जुड जावेगा। फैक्ट फाइल कुल लागत- 17 सौ करोड़ रूपए निर्माण- रेलवे लोकोमोटिव इंजन कंपनी- दौलतराम इंजीनियरिंग कंपनी और नेशनल रेलवे इक्विपमेंट अमरीका का संयुक्त उद्यम सन् 1987 के बाद पहला प्रोजेक्ट जिला मुख्यालय पर तीस साल यह पहला अवसर होगा जब किसी बड़े उद्योग की आधारशिला रखी जा रही है। 

कुप्रबंधन ने किया चौपट 
इसके पूर्व वर्ष 1983 में पूनी संयंत्र व 1987 में ग्राम पचामा में सोया प्लांट की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी। इसके पूर्व भी जिला मुख्यालय पर शुगर फैक्ट्री जैसे बड़े कारखाने चल रहे थे, लेकिन यह कारखाने समय के साथ कुप्रबंधन का शिकार होकर बंद होते चले गए। अब केवल केन्द्रीय पूनी संयंत्र अकेला कार्यरत संस्थान है। लोकोमोटिव इंजन बनेंगे शहर में जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर ग्राम शेरपुर में दौलतराम इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा नेशनल रेलवे इक्विपमेंट कंपनी अमेरिका के साथ साझा उद्यम लगाया जाना है। इस संयुक्त उपक्रम में जिला मुख्यालय पर लोकोमोटिव डीजल इंजनों का निर्माण व असेंबलिंग की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की पहले चरण में कंपनी पांच सौ करोड़ रूपए का निवेश करते हुए प्लांट निर्माण करेगी। कंपनी द्वारा दिसंबर 13 तक उत्पादन प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। कंपनी में बनने वाले लोकोमोटिव इंजन अपने किस्म के पहले इंजन होंगे जो कम से कम प्रदूषण और ईधन खपत करेंगे। सन् 1987 के बाद पहला प्रोजेक्ट जिला मुख्यालय पर तीस साल यह पहला अवसर होगा जब किसी बड़े उद्योग की आधारशिला रखी जा रही है। इसके पूर्व वर्ष 1983 में पूनी संयंत्र व 1987 में ग्राम पचामा में सोया प्लांट की स्थापना की स्वीकृति दी गई थी। इसके पूर्व भी जिला मुख्यालय पर शुगर फैक्ट्री जैसे बड़े कारखाने चल रहे थे, लेकिन यह कारखाने समय के साथ कुप्रबंधन का शिकार होकर बंद होते चले गए। अब केवल केन्द्रीय पूनी संयंत्र अकेला कार्यरत संस्थान है।

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