Type Here to Get Search Results !

हाईकोर्ट ने कहा, आरिफनगर से हटाओ अतिक्रमण


हाईकोर्ट ने दिया आरिफ नगर से जल्द से जल्द से बेजा कब्जे हटाने का आदेश
वक्फबोर्ड से किराएदारी कर अतिक्रमणकर्ताओं को बेघर होने से बचाने की मांग

19 अक्टूबर,2012, भोपाल

वक्फ बोर्ड की 40 एकड़ जमीन पर बसाया गया आरिफ नगर अनाधिकृत है। यहां रहने वाले अतिक्रमणकर्ता हैं, जिनको जल्द से जल्द हटाया जा कर जमीन को खाली करवाकर वक्फ बोर्ड को सौंप दिया जाए।
  हाईकोर्ट ने कहा, आरिफनगर से हटाओ अतिक्रमण

यह फैसला हाईकोर्ट के चीफ जस्टित शरद ए बोबडेÞ और जस्टिस आलोक अराधे की पीठ ने शुक्रवार को सुनाते हुए पुलिस और प्रशासन को वक्फ बोर्ड को प्रोटेक्श देने के निर्देश दिए हैं, ताकि आरिफ नगर का अतिक्रमण हटाया जा सके। हाईकोर्ट ने यह फैसला जबलपुर निवासी मशकूर अहमद हनफी की याचिका का निराकरण करते हुए दिया है। गौरतलब होगा कि, याचिकाकर्ता मशकूर अहमद हनफी, जबलपुर ने 2008 में हाईकोर्ट में याचिका पेश की थी। इसमें मप्र वक्फ बोर्ड, औकाफे शाही, आरिफ अकील, सायरा अकील और आमिर अकील को पक्षकार बनाया गया था। याचिका के अनुसार वक्फ प्रापर्टी होने के बाद भी वक्फ बोर्ड के कब्जे में जमीन नहीं होकर बेजा कब्जे हैं, जिनको हटाने के बारे में बोर्ड और स्थानीय प्रशासन को निर्देशित किया जाए। इसके जवाब में बोर्ड ने सफाई दी थी कि, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है, लेकिन सुरक्षा नहीं मिलने के कारण कब्जेधारकों के विरोध के चलते बोर्ड के कर्मचारी अतिक्रमण नहीं हटा पाते। बोर्ड कर्मचारियों पर 26 अप्रैल,2011 को अतिक्रमण हटाने के दौरान हमला किया गया, जिससे अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई टल गई। 

यह है विवाद
वक्फ की 40 एकड़ जमीन पर आरिफ नगर बसाने को लेकर शुरु से ही विवाद रहा है। यहां के रहवासियों को विधायक आरिफ अकील का कट्टर समर्थक माना जाता है। वक्फ बोर्ड ने जब भी यहां के रहवासियों की किराएदारी करने की कोशिश की, तब-तब विरोध हुआ। बीते साल 26 मार्च को रहवासियों की किराएदारी के लिए बोर्ड कर्मचारियों का दल पहुंचा था, लेकिन हमला हो गया और पुलिस के साए में कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला जा सका था। फिल्हाल, यहां करीब 14 हजार मतदाता हैं, लेकिन वक्फ बोर्ड से किराएदारी वाले महज डेढ़ सौ ही बताए जाते हैं।

गैस पीड़ितों को बसाया
1984 में भोपाल गैस कांड के बाद आरिफ नगर बसाया गया था, जिसमें गैस पीड़ितों को बसाने का दावा किया जाता है। वक्फ बोर्ड इसको पूरी तरह से सही नहीं मानता, बल्कि चंद गैस पीड़ितों की आड़ में गैर भोपालियों को बसा दिया गया है। आरिफ नगर में उत्तर प्रदेश, बिहार के अलावा बंगलाभाषी मुसलमान रहते हैं। इसके अलावा भोपाल आने के बाद दर दर भटकने वाले मुसलमानों को भी आरिफ नगर में पनाह मिली है। बड़ा बाग से हटाने के बाद भी लोगों को यहीं पर जगह दी गई है।

समझौते का फार्मूला

  हाईकोर्ट ने कहा, आरिफनगर से हटाओ अतिक्रमण
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद आरिफ नगर के रहवासियों को बेघर होने से बचाने के लिए वक्फ बोर्ड से किराएदारी का फार्मूला पेश किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आरिफ नगर के रहवासी अभी अतिकमणकर्ता की स्थिति में हैं, लेकिन औकाफेशाही या वक्फ बोर्ड से किराएदारी करने के बाद कानूनी तौर पर रहवासी होंगे और उनको हटाया नहीं जा सकेगा। ऐसे में आरिफ नगर के सालों पुराने रहवासियों को बेघर होने से बचाने के लिए जल्द से जल्द किराएदारी करने की समझाइश दी जाएगी। किराएदारी के लिए प्रति मकान 500 रुपए महीने की पेशकश की जा रही है, जिससे 4 हजार मकान होने से हर महीने 20 लाख और साल में 2 करोड़ 40 लाख रुपए की आमदनी वक्फ बोर्ड को होगी

कथन
वक्फ बोर्ड की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने के नतीजे में हाईकोर्ट ने जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। अभी करीब 4 हजार मकान और 15 हजार मतदाता हैं, जिनको हटाने के बजाय किराएदारी करके बचाने के लिए गुजारिश करेंगे।
मशकूर अहमद हनफी, याचिकाकर्ता
पहले तो पूरा फैसला पढेÞंगे, उसके बाद ही इस बारे में बात करेंगे। सिर्फ चर्चाओं के आधार पर कोई अंदाजा लगाना ठीक नहीं है। वैसे भी सिर्फ कुछ जगह को लेकर ही विवाद था, ऐसे में किसके बारे में क्या फैसला है और क्या निर्देश दिए गए हैं, यह देखना होगा।
आरिफ अकील, विधायक, उत्तर भोपाल

फैसला सही, लेकिन बेघर न करें
वक्फ जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराए जाने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले का मुस्लिमों ने स्वागत किया है। हालांकि, इसके साथ ही सालों से रहने वालों को बेघर किए जाने के बजाय वक्फ बोर्ड के साथ किराएदारी करके बचाने की अपील भी की है। कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता आरिफ मसूद ने कहा है कि, अदालत का फैसला पूरी तरह सही है और पूरे प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को बेजा कब्जों से मुक्त किया जाना चाहिए। आरिफ नगर में रहने वालों को हटाने के बजाय बोर्ड के साथ किराएदारी करके रहने दिया जाए। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष शमसुल हसन बल्ली ने अदालती फैसले का इस्तकबाल करते हुए आरिफ नगर के रहवासियों के हकों के लिए संघर्ष करने का भरोसा दिलाया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.