भेल सेफ्टी कमेटी के आधा दर्जन विशेषज्ञ चार दिन से गोवा में
आग के कारण टारगेट पूरा करने से पिछड़ने का मंडराया खतरा
ब्यूरो, भोपाल
आग के कारण भेल को चालू वित्तीय वर्ष की लक्ष्यपूर्ति करना मुश्किल होगा। इसका असर भेल को नवरत्न से महारत्न का दर्जा पाने में भी पडेगा। दूसरी ओर, भेल की सेफ्टी कमेटी बीते चार दिन से गोवा में सेफ्टी स्टडी कर रही है। भीषण आग के नतीजे में चालू वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति करना मुश्किल होगी। भेल का छमाही का टारगेट कागजों में पूरा हो चुका है, लेकिन वास्तविकता हटकर है। भेल ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिए 6003 करोड़ के निर्धारित लक्ष्य पूर्ति के लिए ट्रांसफार्मर तो पूरे बना लिए थे, लेकिन इनको डिस्पैच नहीं किया जा सका। यही ट्रांसफार्मर आग की चपेट में आकर खाक हो गए। ऐसे में कागजों में तो छमाही लक्ष्य की पूर्ति हो चुकी है, लेकिन वास्तविकता में संबंधित कंपनियों और कारखानों को ट्रांसफार्मर की डिलेवरी ही नहीं हो सकी है। इसका नतीजा यह होगा कि, भेल को अब आगे छमाही के साथ ही बीते छमाही के लक्ष्य की वास्तविक पूर्ति के लिए उत्पादन करना होगा। हालांकि, मौजूदा हालात में यह बेहद मुश्किल हो गया है।
महारत्न का दर्जा पाने में अड़ंगा
अग्निकांड के कारण भेल को महारत्न का दर्जा पाने की राह में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। गौरतलब होगा कि, भेल को पहले से ही नवरत्न का दर्जा मिला हुआ है। अब महारत्न का पर विचार कर रही है। इस बारे में स्थापित मापदंडों
के अनुसार सालाना उत्पादन कम से कम 45 हजार करोड़ का और फायदा 15 हजार करोड़ का होना अनिवार्य है। इसके साथ ही गुणवत्ता, समयसीमा, सुरक्षा, जनकल्याण, सामाजिक विकास, पर्यावरण संरक्षण आदि के बिंदुओं पर परीक्षण किया जाता है। दूसरी ओर, अग्निकांड के कारण कंट्रोल पैनल के साथ ही टेस्टिंग एरिया ब्लॉक नंबर-3 के खाक हो जाने से भेल की सुरक्षा के साथ ही लक्ष्यपूर्ति का सवाल भी खड़ा हो गया है। इससे भेल को महारत्न का दर्जा
पाने में मुश्किल पेश आना तय है।
गोवा में सेफ्टी स्टडी
भेल की सेफ्टी के लिए जिम्मेदार कमेटी के सात सदस्य बीते चार दिन से गोवा में हैं। इसके लिए हवाई जहाज से उड़कर सेफ्टी कमेटी के सदस्य गोवा पहुंचे हैं। इस कमेटी में यूनियनों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इस बारे में भेल
प्रवक्ता विनोदानंद झा का दावा है कि, सेफ्टी कमेटी के सातों सदस्य गोवा सेफ्टी कांफ्रेंस में हिस्सेदारी के लिए गए हैं। गौरतलब होगा कि, भेल सेफ्टी कमेटी के विशेषज्ञ हर साल सेफ्टी को मजबूत और निरापद बनाने के लिए देश के किसी न किसी बडेÞ औद्योगिक एरिया और कारखानों का भ्रमण करके अपेक्षित सुधार प्रस्तावित करते हैं। इस बार सेफ्टी कमेटी करीब दो हफ्ते के स्टडी टूर पर गोवा में है और गोवा के अनुभवों का लाभ भेल की सुरक्षा को मजबूत बनाने में किया जाएगा।